महिला अपराधों को लेकर कानपुर कमिश्नेट पुलिस कितनी गंभीर है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण सोमवार को खुद पुलिस कमिश्नर कार्यालय में देखने को मिला। कमिश्नर ऑफिस परिसर में स्थित महिला अपराध शाखा कार्यालय के बाहर कूड़ेदान में महिला अपराधों से जुड़ी फाइलें, लिफाफे में बंद प्रार्थना पत्र व अन्य कागजात पड़े मिले।
इसकी सूचना पाकर पाकर खुद पुलिस कमिश्नर ने मौके पर पहुंच कर जांच की। इसके बाद महिला अपराध शाखा में तैनात दरोगा समेत दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। पुलिस कमिश्नर डॉ. आरके विश्वकर्मा सोमवार की दोपहर अचानक पुलिस ऑफिस में स्थित विभिन्न कार्यालयों को निरीक्षण करने निकल पड़े।
वह मातहतों के साथ आईजीआरएस, रिट सेल आदि कार्यालयों का हाल देख रहे थे। उसी दौरान महिला अपराध शाखा के बाहर कूड़ेदान में कुछ फाइलें और करीब दो सौ बंद लिफाफे पड़े होने की उन्हें खबर मिली। वह फौरन मौके पर पहुंचे और जेसीपी अपराध नीलाब्जा चौधरी समेत कई अफसरों को मौके पर बुलाकर जांच की।
महिला अपराध शाखा में तैनात कर्मचारियों से पूछताछ की
फाइलों और कागजातों को कूड़ेदान के निकाल कर देखा गया, तो फाइल और लिफाफा बंद दस्तावेज महिला अपराध शाखा से जुडे मिले। पुलिस कमिश्रर ने पुलिस उपायुक्त अमिता सिंह और महिला अपराध शाखा में तैनात कर्मचारियों से पूछताछ की। पुलिस उपायुक्त महिला अपराध अमिता सिंह को जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
दरोगा और महिला सिपाही निलंबित
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि मामले में महिला अपराध शाखा में तैनात दरोगा सुरेश सिंह रजावत और महिला सिपाही नीतू सिंह को प्रारंभिक जांच में दोषी मानते हुए निलंबित किया गया है। बाकी मामले की जांच की जा रही है, जो और दोषी पाए जाएंगे। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह लापरवाही का मामला है।