ग्रेटर नोएडा। इनोवेशन के क्षेत्र में कुछ नया करने की सोच रखने वाले छात्र-छात्राओं के लिए एक अच्छी खबर है। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिक विभाग डीएसटी ने ग्रेटर नोएडा स्थित जीएल बजाज के सेंटर फॉर रिसर्च एंड इनक्यूबेशन को डीएसटी प्रवास केंद्र बनाया है। यहां पर छात्र छात्राओं के नए आईडिया को उड़ान भरने में मदद मिलेगी। यहाँ पर छात्र-छात्राओं को आर्थिक सहयोग के साथ साथ मेंटर भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
जिससे युवा अपने आइडिया पर अच्छे से काम कर सकेंगे यहां पर युवाओं को अच्छी लैब मिलेंगी और कॉलेज प्रबंधक की तरफ से भी पूरा सहयोग दिया जाएगा। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित जीएल बजाज कॉलेज में डीएसटी सेंटर बनाया गया है। कॉलेज की वेबसाइट पर जाकर पूरे देश से कोई भी छात्र यहां पर आवेदन कर सकता है जिसके बाद छात्र के आईडिया को चयन समिति के पास भेजा जाएगा। चयन समिति उसका चयन कर छात्र को यहां पर अपने आइडिया पर काम करने का मौका मिलेगा। इस सेंटर पर प्रत्येक वर्ष 10 आइडियाओ का चयन किया जाएगा।
दरअसल, देशभर में कुल 14 डीएसटी प्रयास केंद्र बनाए गए हैं। इन डीएसटी केंद्रों में युवा और महत्वाकांक्षी उद्यमियों के प्रौद्योगिकी के प्रचार प्रसार और उनके स्टार्टअप कक गति में वृद्धि लाने के लिए मदद मिलेगी। ग्रेटर नोएडा के जीएल बजाज सेंटर फॉर रिसर्च एंड इनक्यूबेशन को सरकार की तरफ से 3 करोड़ रुपए की ग्रांट दी गई है जो 5 सालों में कॉलेज को मिलेगी। कॉलेज को सरकार की तरफ से प्रत्येक वर्ष 60 लाख की ग्रांट दी जाएगी।
कार्यक्रम प्रबंधक डॉ संजय कुमार ने बताया कि निधि प्रयास कार्यक्रम का उद्देश्य देश के युवा और इच्छुक प्रमोटरों के विचार को एक प्रोटोटाइप में बदलने के लिए प्रोटोटाइप फंडिंग प्रदान करना है। जिसके द्वारा आत्मनिर्भर भारत मिशन के अनुरूप स्वदेशी रूप से विकसित नवाचारों और उत्पादों को बढ़ावा दिया जा सके। इस योजना में संपूर्ण भारत से 18 वर्ष आयु पूर्ण कर चुके इन्नोवेटर्स के इनोवेटिव आइडिया को प्रोटोटाइप में कन्वर्ट करके युवा इन्नोवेटर्स को प्रोत्साहित किया जाएगा।
इस प्रक्रिया के सभी चयनित इनोवेटिव आइडियाज को अधिकतम दस लाख रुपये की अनुदान राशि प्रदान की जाएगी ताकि वह छात्र अपने इनोवेटिव आइडिया को डिवेलप कर सकें। इसमें छात्र को दो मेंटर भी उपलब्ध कराए जाएंगे जिनमें से एक मेंटल कॉलेज के द्वारा होगा वही दूसरा मेंटर छात्र बाहर से भी चुन सकता है इसके साथ ही कुछ विशेष इनोवेटिव आइडिया पर कॉलेज प्रबंधक बाहर से भी मेंटर उपलब्ध कराएगा।
इसके बारे में जानकारी देते हुए जीएल बजाज कॉलिज के निर्देशक डॉ मानस मिश्रा और संस्थान के वाइस चेयरमैन पंकज अग्रवाल ने बताया कि डीएसटी केंद्र पर अपने नवाचार पर आधारित स्टार्टअप को सफलतापूर्वक व्यवसाय में बदल सकेंगे। उन्होंने कहा कि इनोवेशन के लिए कॉलेज की तरफ से भी दो करोड़ रुपये का फंड रखा गया है जो भी विद्यार्थी इनोवेशन करेगा उसका सहयोग किया जाएगा और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को लेकर संस्था आगे बढ़ रही है। जिससे युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।